शारदीय नवरात्रि 2023, जाने नवरात्री में क्या करे, क्या ना करें?
शारदीय नवरात्रि 2023, जाने नवरात्री में क्या करे, क्या ना करें?
अगर आप माँ भगवती की कृपा की प्राप्ति चाहते हैं, तो आपको इन नवरात्रों में माता को प्रसन्न जरूर करना चाहिए। साथियों, इन नवरात्रों को आश्विन नवरात्र और शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है। क्योंकि सर्दी की ऋतु प्रारंभ होने लगती है, इसलिए इनका नाम शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है। तो आइये जानते है, नवरात्रों में क्या ना करें? नवरात्रि कितने है? 2023 में अक्टूबर में नवरात्रि कब है? दुर्गा अष्टमी नवमी कब है? देवी मां कैसे प्रसन्न होती है? नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें? तो अंत तक ज़रूर बने रहिएगा।
नवरात्रि कितने है?
सबसे पहले हम आपको बता दे, कि साल में चार बार माता के नवरात्र आते है। दो बार गुप्त नवरात्र आते हैं, और दो बार प्रत्यक्ष नवरात्रि आती है।
नवरात्रि किस महीने में पढ़ती है?
हम बात कर रहे हैं, माता रानी के साल 2023 के आश्विन के नवरात्र कब है। हम आपको बता दे कि आश्विन के नवरात्र किसे कहा जाता है।
प्रिय साथियों, आश्विन के महीने में शुक्ल पक्ष की जो प्रतिपदा तिथि होती है, जो शुक्ल पक्ष की पहली तिथि होती है। उस तिथि से आश्विन नवरात्र प्रारंभ हो जाती है।
लगभग सितंबर के अंत में या अक्टूबर के प्रारंभ में ये नवरात्र आती है, और इनको सबसे प्रमुख नवरात्रि कहा जाता है।
2023 में अक्टूबर में नवरात्रि कब है?
अब आपको सबसे पहले यह बता दे, कि शारदीय नवरात्रि 2023 किस दिन से प्रारंभ होंगी? साथियों 15 अक्टूबर, रविवार के दिन से आज से नवरात्र प्रारंभ होंगे। 15 अक्टूबर, रविवार के दिन से शारदीय नवरात्रि 2023 प्रारंभ होंगे, और और 24 अक्टूबर 2023 को ख़तम होगी।
दुर्गा अष्टमी नवमी कब है?
अब बात करते हैं, कि अष्टमी तिथि कम होगी, नवमी तिथि कम होगी। साथियों, अष्टमी तिथि 22, अक्टूबर, 2023 के दिन होगी । नौवीं तिथि होगी 23 अक्टूबर, 2023 के दिन होगी।
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ कैसे करें जाने संपूर्ण जानकारी
देवी मां कैसे प्रसन्न होती है?
माता के शारदीय नवरात्रि 2023 की शुरुआत किस प्रकार से करनी चाहिए? साथियों अगर आप चाहते हैं, भगवती देवी की माता दुर्गा की कृपा आपके ऊपर बनी रहे, तो आश्विन नवरात्रों में माता के लिए आप व्रत जरूर करें।
उनको प्रसन्न करने के लिए आप उपवास जरूर करें। अगर उपवास ना रख पाएं तो दुर्गा सप्तशती का पाठ तो आपने ज़रूर करना है।
क्योंकि हमारे शास्त्रों में कहा गया है, कि माता के नवरात्रों में जो भी भक्त सत्य परायण होकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं उसकी सभी इच्छाओं की पूर्ति मातारानी करती है।
नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें?
अब बात करते हैं, कि किस तरह से शारदीय नवरात्रि 2023 की शुरुआत करें, तो जो नवरात्रि का पहला दिन है, प्रथम तिथि है, उस दिन सुबह जल्दी उठ करके स्नान करें।
स्नान करने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करने के बाद, आपने अपने घर में किसी भी पवित्र जगह पर आपने एक लकड़ी की चौकी रखनी है।
उस लकड़ी की चौकी के ऊपर आपने एक लाल रंग का वस्त्र बिछा लेना है, अब आपने उसके ऊपर भगवतीदेवी या शेरोवाली माता या जो आपकी कुल देवी है, उसकी फोटो आप रख लें।
उसके बाद वहाँ पर आपने थोड़े से जौ लेने है, और मिट्टी में या रेत में मिला लेने हैं, रेत या मिट्टी में मिला करके आपने एक पात्र रख लेना है, और उसके ऊपर आपने एक साफ जल से भरा हुआ कलश रखना है।
कलश पर आपने परंगा बांध लेना है, और नारियल पर लाल चुन्नी लपेटकर के कलश के अंदर आपकी टहनी रख करके, उसके ऊपर आपने नारियल स्थापित करना है। यह हो गया कलश स्थापना।
उसके बाद आप अखंड ज्योत जला सकते हैं। अगर अखंड ज्योत न जला पाये, तो आपने एक पीतल की ज्योत लेनी है, पीतल की ज्योत में आप रुई की बाती लगाकरके शुद्ध देसी घी की ज्योत माता के लिए जलानी है।
उसके बाद आपने दुर्गा सप्तशती का पाठ करना है। जी हाँ, आपने सत्य परायण होकर माता भगवती के निमित्त दुर्गा सप्तशती का पाठ करना है, और अच्छी तरह से माता रानी की पूजा करनी है।
इस तरह से अगर आप माता की नियमित पूजा करते हैं, भगवती देवी की पूजा करते हैं, तो वो तुरंत आपकी पूजा से प्रसन्न होती है, और आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती है।
नवरात्रों में क्या ना करें?
अब हम आपको बताते है, कि शारदीय नवरात्रि 2023 में किन बातों का खयाल आपने अपने घर में रखना है। आपने नवरात्रों के नौ दिनों में अपने घर में प्याज, लहसुन और अन्य कोई तामसिक वस्तुओ का प्रयोग नहीं करना है।
अगर आप नवरात्रों के दिनों में तामसिक वस्तु का उपयोग अपने घर में करते हैं, तो कहीं ना कहीं आपको नवरात्र का फल प्राप्त नहीं होगा।
भगवती देवी की कृपा प्राप्त नहीं होगी। नवरात्रों में जितना अधिक हो सके अपने मन को पवित्र रखें।
माता भगवती के दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, या जो भी मंत्र आपको भगवती देवी का आता है, उस मंत्र का जाप जरूर करें।
जो पढ़ने वाले बच्चे है, वो माता रानी की पूजा जरूर करें। जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं, वो इन नवरात्रों के दिनों में हर सुबह कम से कम एक माला ॐ श्री दुर्गा दिव्यै नमः इस मंत्र का जाप जरूर करना है।
अगर इस मंत्र का जाप नहीं कर सकते तो, ॐ भूर्भुवः स्वः ।तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ।।
गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं, क्योंकि अगर जो विद्यार्थी हैं, अगर वो चाहते हैं, कि आपकी पढ़ाई अच्छी हो तो भगवती दुर्गा देवी को नवरात्रों में जरूर प्रसन्न करें, जिससे वो आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करें।
हम आशा करते है, की यह शारदीय नवरात्रि 2023 आपकी सफल हो और माता रानी आपके सारे दुःखो को हरले और आपकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करे। जय माँ दुर्गा।
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