जब अमिताभ बच्चन का हो गया था डाइरेक्टर के साथ झगड़ा, फिल्म की शूटिंग बंद करनी पड़ी…
जैसे की आप सभी जानते हैं कि मौजूदा दौर में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन किसी पहचान की मोहताज नहीं है। लगभग 50 साल से ज्यादा शानदार फिल्मी सफर के दौरान अमिताभ बच्चन ने बच्चे, बूढ़े और नौजवानों को अपनी बेहतरीन अदायगी से सभी लोगों का दिल जीता है और यह दौर आज भी जारी है। आज भी अमिताभ बच्चन बॉलीवुड की कई सारी बड़ी फिल्मों का हिस्सा बन रहे हैं और उन फिल्मों को लोग काफी ज्यादा पसंद भी कर रहे हैं। लेकिन जैसे हमने आपको पहले ही बता दिया कि अमिताभ बच्चन ने संघर्ष और बुरे दोनों ही दिन देखे और उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। जब-जब अमिताभ बच्चन के सितारे अस्त होते नजर आए। तब तक उन्होंने अपने मेहनत और काबिलियत के दम पर अपने स्टारडम को फिर से खड़ा किया और ऐसी ही फ़िल्म के बारे में बताने वाले हैं। आज हम इस आर्टिकल में और इस फ़िल्म को करने के बाद अमिताभ बच्चन और भी बड़े सुपरस्टार बन गए थे।
12 फरवरी 1988 को रिलीज हुई फ़िल्म शहंशाह के बारे में बात करे, इस फ़िल्म को करने के बाद अमिताभ बच्चन को शहंशाह के नाम से भी जाना जाने लगा और इस फ़िल्म में अमिताभ बच्चन ने पहली बार मीनाक्षी शेषाद्री के साथ फ़िल्म की थी। इस फ़िल्म की अगर कलाकारों की तरफ नजर डालें तो फ़िल्म का निर्देशन टीनू आनंद के हाथों से हुआ था और फ़िल्म में बतौर कलाकार की बात करें तो अमिताभ बच्चन से लेकर मीनाक्षी शेषाद्री, अमरीश पुरी जैसे कई शानदार अभिनेताओं ने इस फ़िल्म में अपनी बेहतरीन अदायगी का नमूना पेश किया। हालांकि अमिताभ बच्चन की फ़िल्म शहंशाह काफी मायनों में खास रही, क्योंकि इस फ़िल्म में एक डायलॉग अमिताभ बच्चन की जुबान से निकलता है। जो डायलॉग आज भी काफी ज्यादा फेमस है। अमिताभ बच्चन ने इस फ़िल्म में बोला था, रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं और नाम है शहंशाह। तो ये डायलॉग इतना ज्यादा हिट हुआ जिसके चलते इस फ़िल्म की दीवानगी आज भी तरोताजा है।
जब अमिताभ बच्चन और डाइरेक्टर टीनू का हुवा झगड़ा
हालांकि फ़िल्म में अमिताभ बच्चन और मीनाक्षी की जोड़ी को काफी ज्यादा पसंद किया गया था। लेकिन अमिताभ बच्चन का डाइरेक्टर से ऐसा विवाद हो गया था जिसके बाद शूटिंग रोक दी थी। दरअसल हुआ यूं कि फ़िल्म के निर्देशक टीनू आनंद एक सीन में काफी ज्यादा बदलाव करना चाहते थे। टीनू आनंद चाहते थे कि अमिताभ बच्चन पुलिस की वर्दी पहने लेकिन अमिताभ बच्चन ब्लेज़र पहनना चाहते थे। दोनों के बीच में इस बात को लेकर काफी ज्यादा बहस बढ़ गई और दोनों ही अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे। टीनू फिल्म का निर्देशन कर रहे थे। वो चाहते थे कि अमिताभ बच्चन पुलिस की वर्दी पहने, तो वहीं दूसरी और अमिताभ बच्चन अपनी मनमानी कर रहे थे और वो वर्दी की बजाय अपना ब्लेजर पहना जाता है। हालात तो ये हो गए थे कि कुछ समय के लिए शूटिंग भी रोकनी पड़ी और जब इस बात की जानकारी टीनू के पिता इंदर राज़ आनंद को लगी, तो उन्होंने दखल देते हुए अमिताभ बच्चन को इस सीन का महत्व समझाया और बाद में अमिताभ बच्चन ने टीनू आनंद की बात मान ली। हालांकि शहंशाह फ़िल्म का बच्चन के करियर के लिए सबसे बड़ी हिट साबित रही थी। क्योंकि राजनीति के बाद अमिताभ बच्चन को एक बड़ी फ़िल्म की तलाश थी। ऐसे में जब उन्हें शहंशाह फ़िल्म मिली तो इसमें वो काफी ज्यादा फेमस हो गए थे।
हम सभी जानते हैं कि अमिताभ बच्चन ने फिल्मी दुनिया में सक्सेसफुल पारी खेलने के बाद राजनीति में उन्होंने कदम रखा था और कांग्रेस के टिकट से उन्होंने चुनाव भी लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने जीत भी हासिल की, लेकिन जब राजनीतिक गलियारा रास नहीं आया तो उन्होंने बॉलीवुड में अपना दोबारा कमबैक किया। इस समय टीनू आनंद की फ़िल्म शहंशाह से अमिताभ बच्चन ने धमाकेदार आगाज किया था और 80 के दशक में मीनाक्षी शेषाद्री के नाम का डंका बज रहा था। खूबसूरत डांस और पारंगत इस अभिनेत्री का जादू दर्शकों के सिर पर चढ़कर बोल रहा था। ऐसे में टीनू आनंद ने पहली बार अमिताभ बच्चन के साथ मीनाक्षी शेषाद्री को लेकर अपनी फ़िल्म में काम कर्वाया और ये फ़िल्म सुपर डुपर हिट साबित हुई और ये वही फ़िल्म थी जिसे करने के बाद अमिताभ बच्चन एक बार फिर से काफी ज्यादा फेमस हो गये थे, क्योंकि राजनीति को छोड़ने के बाद अमिताभ बच्चन किसी बड़ी फ़िल्म का हिस्सा बनने चाहते थे।
जब अमिताभ बच्चन की कंपनी का दिवाला हो गया
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब अमिताभ बच्चन किसी बड़ी फ़िल्म की तलाश में थे और उन्हें वो फ़िल्म भी मिली। यहाँ हम आपको इस बात से भी रूबरू करना चाहेंगे की फिल्मों में अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल करने के बाद अमिताभ बच्चन ने एक बार अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस भी खोला था। इस प्रोडक्शन हाउस का नाम था, अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी एबीसी। लेकिन इस प्रोडक्शन के बैनर तले जितनी भी फिल्मों का निर्माण किया गया, वो सभी फ़िल्में फ्लॉप साबित हुई। नतीजन अमिताभ बच्चन की एक कंपनी दिवालिया हो गई। हालात तो ये हो गए कि अमिताभ बच्चन के घर के बाहर लेनदारों की लंबी लाइनें लगी रहती थी। इतना ही नहीं तमाम निर्माता निर्देशिका अपनी फिल्मों में अमिताभ बच्चन को लेने से मना भी कर रहे थे। ऐसे में यश चोपडा ने अमिताभ बच्चन को एक बार फिर से बॉलीवुड में स्थापित होने का बड़ा मौका दिया था और यह फ़िल्म थी मोहब्बतें।
मोहब्बतें फ़िल्म को करने के लिए अमिताभ बच्चन खुद यश चोपडा के पास गए थे और उन्होंने कहा था, मुझे काम दीजिये और मोहब्बतें फ़िल्म में अमिताभ बच्चन के किरदार को भी लोगों ने काफी ज्यादा पसंद किया, तो इस तरह आप भी समझ सकते हैं कि अमिताभ बच्चन की किस्मत कितनी अच्छी है। भले ही वो बुरे से बुरे दौर से गुजर जाते हैं, लेकिन सबके बावजूद अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर वो खुद को फिर से स्थापित कर लेते हैं और मौजूदा दौर में भी वो आने वाले समय में कई सारी बड़ी फिल्मों को लेकर हाजिर होने वाले हैं।