श्री विष्णु पुराण अध्याय 1 | Vishnu Puran Adhyay 1

श्री विष्णु पुराण अध्याय 1
श्री विष्णु पुराण अध्याय 1

श्री विष्णु पुराण अध्याय 1 | Vishnu Puran Adhyay 1

आज हम आप सभी के समक्ष श्री विष्णु पुराण अध्याय 1 प्रस्तुत करते हैं। ऐसे परम भगवान श्री विष्णु जी की कथा का आप आनंदपूर्वक श्रवण कीजिए, आपके जीवन में मंगल ही मंगल होगा।

सूत जी बोले, एक समय प्राचीनकाल में मुनीवर पराशर जी निष्कर्मो से निवृत थे तब मैत्रीय जी ने मुनिवर पराशर जी को प्रणाम करके और चरण छूकर पूछा, हे गुरुदेव! मैने आप ही के पास आकर संपूर्ण वेद, वेदांग, और सारे धर्मशास्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया है।

हे! मुनिश्रेष्ठ! आपकी कृपा से मेरे विपक्षी भी मेरे लिए यह कदापि नहीं कह सकेंगे कि मैने संपूर्ण शास्त्रों के अभ्यास में परिश्रम नहीं किया।

हे! धर्मज्ञ! हे! महाभाग! अब मैं आपके मुखारविन्द से यह सुनना चाहता हूँ,की यह जगत किस प्रकार उत्पन्न हुआ और आगे भी दूसरे कल्प के आरंभ में कैसे होगा तथा हे! ब्राह्मण! इस संसार का उपादान कारण क्या है? यह संपूर्ण चराचर किस से उत्पन्न हुआ है? यह पहले किस में लीन था और आगे किसमें विलीन हो जायेगा।

Dhanteras 2021: धनतेरस 2021 में कब है,जाने तिथि, पूजा, महत्त्व

Diwali 2021: दिवाली 2021 कब है, जाने तिथि, पूजा विधि, कथा

आप मुझे यह बताने की कृपा करे की इस जगत में भूतो का परिमाण, समुद्र, पर्वत, और देवता आदि की उत्पत्ति कैसे हुई? पृथ्वी और सूर्य का आधार क्या है? चारो युग का विश्लेषण क्या हे, प्रलय किस स्वरूप में होगा? चारो युगों के सारे धर्म, देवर्षि और राजाओं के चरित्र बताने की कृपा करे, एवं व्यास जी के रचे हुए वैदिक शास्त्र को रचना ब्राह्मण के वर्ण तथा ब्राह्मणों द्वारा बनाए आश्रमों के धर्म के बारे में ज्ञान दे। में आपकी ही कृपा से में यह सब जान सकता हु।

श्री पराशर जी बोले, हे सूतजी! मेरे दादा जी श्री वशिष्ठ ने इस प्रसंग का वर्णन किया था। यह प्रसंग याद दिलाने के लिए तुम धन्यवाद के पात्र हो। मैने उस समय पर यह सुना था, की मेरे पिताजी को विश्वामित्र की प्रेरणा से एक राक्षस ने खा लिया है, तब मुझे बहुत क्रोध आया था।

इसीलिए मेने उन राक्षसों का वध करने के लिए यज्ञ का आरंभ किया था। उस यज्ञ में सैकड़ों राक्षस जलकर भस्म हो गए और यह देख मेरे दादा वशिष्ठ मुझे बोले, इतना क्रोध करना ठीक बात नही है।

तुम्हारे पिता के लिए जो होना था, वही हुआ है, उसमे राक्षसो की कोई भूल नहीं है। इस संसार में कोइं किसी को नहीं मारता, सब अपने कर्मो का फल भोगते हे। क्रोध मूर्खो को आया करता है, बुद्धिवानो को नहीं, क्रोध मनुष्य के अत्यंत कठोर तप का भी नाश कर देता है।

महर्षि यह क्रोध का त्याग करते हे, क्युकी यह क्रोध की वजह से लोक तथा परलोक दोनों ही बिगाड़ के रख देता है। इन राक्षसों का वध करने का कोई मतलब नहीं है। इसीलिए तुम इस यज्ञ को समाप्त कर दो। क्षमा देने में ही साधुओ का कल्याण है।

जानिए वेद क्या है? संपूर्ण जानकारी | 4 Vedas in Hindi

शव को लेजाते समय राम नाम सत्य है क्यों बोला जाता है?

महात्मा वशिष्ठ के इस प्रकार पौत्र को समझाने पर मेने यज्ञ को संपन्न कर दिया, और मेरे दादाजी प्रसन्न हो गए। उसके बाद ब्रह्माजी के पुत्र पुलस्त्य जी वहा आए और आसान ग्रहण करके मुझसे बोले, तुम्हारे हृदय में राक्षसों के प्रति वैरभाव था। फिर भी तुमने वशिष्ठ जी के कहने पर उन्हें माफ किया, इसीलिए तुम संपूर्ण शास्त्रों के ज्ञाता होगे और इतना क्रोधित होने पर भी तुमने मेरा आदर पूर्वक स्वागत किया, इसीलिए में तुम्हे एक वर देता हू।

हे – वत्स ! तुम पुरानसंहिता के वक्ता बनोगे और देवताओं की यथार्थ स्वरूप को जानने की शक्ति रखोगे। मेरे प्रसाद से तुम्हारी निर्मल बुद्धि, प्रवृति और निवृत्ति, के उत्पन्न करने वाले कर्मो से निःसंदेह हो जायेगी। और फिर पुलस्त्य जी के वर देने के बाद भगवान वशिष्ठ बोले, यह सब सत्य होगा।

हे – मुनि! प्राचीनकाल में भगवान वशिष्ठ और पुलस्त्य जी ने जो भी कहा था, वह सब तुमने मुझे इस तरह सवाल पूछकर स्मरण कराया है। इसीलिए में तुम्हे वह सम्पूर्ण पुरानसंहिता का ज्ञान दूंगा। यह सृष्टि भगवान विष्णु से उत्तपन्न हुई है। इसकी रचना भगवान विष्णु ने ही की हे।

वह इसकी स्थिती और लय के करता है, तथा यह जगत भी वे स्वयं है। इस प्रकार श्री विष्णु पुराण के पहले अंश में इसका श्री विष्णु पुराण अध्याय 1 समाप्त हुआ।

Dharmik Vastue , Pooja Items
Pooja ItemsCheckout 👉 Shop Now

यह भी पढ़े:

जानिए विष्णु पुराण में क्या लिखा है? Vishnu Puran in Hindi

जाने गरुड़ पुराण क्या है? गरुड़ पुराण की 7 महत्वपूर्ण बातें

जानिए गरुड़ पुराण क्यों पढ़ना चाहिए ? | Garud Puran

Puran Kitne Hai – जानिए सभी पुराणों का सक्षिप्त वर्णन

Agni Puran अग्निपुराण – पहला अध्याय Chapter – 1

जानिए पद्म पुराण क्या है ? Padma Purana in Hindi

Similar Posts