Puran Kitne Hai – जानिए सभी पुराणों का सक्षिप्त वर्णन

Puran Kitne Hai: महर्षि वेदव्यास ने पुराणों को हमारी प्राचीन भाषा संस्कृत में संकलन किया है। पुराण शब्द का शाब्दिक अर्थ है, प्राचीन, यानि पुराना, पुराण हिन्दू धर्म के प्राचीनतम  ग्रँथ हैं। उन में लिखित ज्ञान, और नैतिकता की बातें, आज भी प्रासंगिक, अमूल्य, तथा मानव सभ्यता की आधारशिला हैं। वेदों की भाषा, तथा शैली कठिन है। इन्हे समझना इतना आसान नहीं हे। पुराण का ज्ञान, इन्ही वेदो का रोचक संस्करण हैं। उन में वर्णित जटिल तथ्यों को कथा,कहानिओ के माध्यम से समझाया गया है।

Puran Kitne Hai – जानिए सभी पुराणों का सक्षिप्त वर्णन

Puran Kitne Hai
Vachan Baddh – Puran Kitne Hai

भारत में कितने पुराण है?

हमारे हिन्दू प्राचीन ग्रंथो में १८ पुराणों का वर्णन मिलता है। ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश को उन्ही पुराणों के मुख्य देव के रूप में दर्शाया गया है। तो आइये जानते हे, 18 पुराणों के नाम, और इनका संक्षिप्त महत्व।

18 पुराणों के नाम – Puran kitne Hai

Puran Kitne Hai – जानिए सभी पुराणों का सक्षिप्त वर्णन

1. ब्रह्मा पुराण।Brahma Purana

यह पुराण सबसे प्राचीन पुराणों मेसे एक है। इस पुराण में, २४६ अध्याय तथा १४००० श्लोक मिलते है। इसे आदिपुराण भी कहा गया है।

इसमें श्रुष्टि की उत्पत्ति ,मनु ,मनु के वंश, देवताओ, और प्राणिओ की उत्पत्ति,  तथा रामायण, ओर कृष्णावतार की कथा का वर्णन किया गया है।  इस पुराण में, तीर्थो का वर्णन भी मिलता है।

2. पद्म पुराण। – Padma Purana

पद्म पुराण में, ५५००० श्लोक है। और यह ग्रंथ को, ५ खंडो में विभाजित किया गया है। श्रुष्टिखंड, स्वर्गखंड , उत्तरखंड ,भूमिखंड ,और पातालखंड। इस ग्रंथ में, विष्णु भक्ति के अनेक तथ्यों के बारे में वर्णन किया गया है।

3. विष्णु पुराण। Vishnu Purana

विष्णु पुराण में, ६ अंश और २३००० श्लोक  मिलते है। यह ग्रंथ में भगवान् विष्णु को, मुख्य देवता के रूप में बताया गया है।  इसमें कृष्णावतार, और बालक ध्रुव की कथाए भी मिलती है।

4. वायु पुराण। (शिव पुराण)Vayu Purana (Shiv Purana)

इसे शिव पुराण भी कहते है। वायु पुराण में, २४००० श्लोक मिलते है। और इसे ७ संहिताओ में विभाजित किया गया है।  इसमें शिव के बारे में वर्णन मिलता है। और काम पर विजय पाने के बारेमे भी वर्णन मिलता है।

5. भागवत पुराण।Bhagavata Purana

यह अति प्रचलित पुराणों में से एक है। भागवत पुराण में १८००० श्लोक, और १२ स्कन्द मिलते है।  इस ग्रंथ में भक्ति ज्ञान, तथा वैराग्य का वर्णन मिलता है। इस ग्रन्थ में, कृष्ण भक्ति के बारे में अधिक महत्व बताया गया है।

6. नारद पुराण। – Naradiya Purana

यह ग्रंथ को, महापुराण भी कहा गया है। इसमें १५००० श्लोक है। और इसके २ भाग है। नारद पुराण में, सभी १८ पुराणों का सार मिलता है। इसमें उत्सवों, तथा व्रतों का वर्णन मिलता है।

7. मार्कण्डेय पुराण। – Markandeya Purana

मार्कण्डेय पुराण प्राचीनतम पुराणों में से एक माना गया है। अन्य पुराणों की अपेक्षा मे, यह एक छोटा पुराण है। इस ग्रंथ में ९००० श्लोक, और १३७ अध्याय मिलते है। इसमें अग्नि देव ,इंद्रदेव ,और सूर्यदेव जैसे वैदिक देवताओ का वर्णन मिलता है। इसमें श्री कृष्ण और देवी दुर्गा की कथाऔ का वर्णन है।

8. अग्नि पुराण।Agni Purana

यह ग्रंथ को, भारतीय संस्कृति का ज्ञानकोष कह सकते है। अग्नि पुराण में, भगवान् विष्णु के  अवतारों का वर्णन मिलता है। जैसे मत्स्य अवतार ,कूर्म अवतार , मोहिनी अवतार ,तथा रामायण, और महाभारत की कथाओ का भी वर्णन मिलता है। इसमें ३८३ अध्याय, और १५००० श्लोक है।

9. भविष्य पुराण। – Bhavishya Purana

इसे विष्यपुराण भी कहते है।  इसमें भविष्य की घटनाओ का वर्णन मिलता है। जैसे, मौर्यवंश ,छत्रपति शिवाजी ,मुगलवंश, तथा मोहम्मद का जिक्र भी इस पुराण में किया गया है। इसमें १२१ अध्याय, और २८०० श्लोक है।

10. ब्रह्मवैवर्त पुराण। – Brahma Vaivarta Purana

इसमें, गणेश ,लक्ष्मी ,सावित्री तथा, श्री कृष्ण के चरित्र का वर्णन किया गया है। इसे वैष्णव पुराण भी कहते है। इसमें आयुर्वेद का ज्ञान भी मिलता है। यह ग्रन्थ में, १८००० श्लोक, तथा १६३ अध्याय वर्णित है। 

11. लिंग पुराण।Ling Puran

इस ग्रंथ में, शिव के सभी अवतारों की कथा मिलती है। इसमें अघोर विद्याका भी उल्लेख दिया गया है। इस ग्रंथ में  ११००० श्लोक है, और १६३ अध्याय मिलते है।

12. वराह पुराण। – Varaha Purana

वराह पुराण में, भगवान् विष्णु के वराह अवतार का वर्णन है।  इस ग्रंथ में, १०००० श्लोक, और २१७ स्कन्द है।

13. स्कन्द पुराण। – Skanda Purana

यह पुराण सबसे बड़ा पुराण है। इसमें ८१००० श्लोक, और ६ खंड है। यह शिव के पुत्र, कार्तिकेय के नाम पर है। इसमें नक्षत्रो ,नदियों, तथा ज्योतिर्लिंगों का प्राचीन भारत का इतिहास मिलता है।

14. वामन पुराण। – Vamana Purana

इसमें, भगवान् विष्णु के वामन अवतार की कथा विस्तार से बताई गई है। इस में १०००० श्लोक ,९५ अध्याय, और २ खंड है।

15. कूर्म पुराण। – Kurma Purana

इस पुराण में, चारो वेदो का संक्षिप्त सार मिलता है। इसमें, भगवान् विष्णु के कूर्म अवतार की कथा का वर्णन मिलता है। इस पुराण में, १८००० श्लोक, और ४ एंड है।

16. मत्स्य पुराण। – Matsya Purana

इस पुराण में, विष्णुजी के मत्स्य अवतार का विस्तृत वर्णन मिलता है। तथा श्रुष्टि की उत्पति, तथा चंद्रवंशी राजाओ की सूचि भी मिलती है।  इस पुराण में, २९० अध्याय, और १४००० श्लोक है।  

17. गरुड़ पुराण।Garud Purana

गरुड़ पुराण पुराण में, मृत्यु के बाद की घटना प्रेतलोक, यमलोक, तथा नरकलोक के बारे में, विस्तार से बताया गया है। कई लोग, इस ग्रन्थ को पढ़ने से हिचकिचाते है।

क्यूंकि इसे किसी के मृत्यु के पश्चात् ही पढ़वाते है। गरुड़ पुराण में, १८००० श्लोक, और २७९ अध्याय मिलते है।

18. ब्रह्माण्ड पुराण। – Brahmanda Purana

इस पुराण में, ब्रह्माण्ड के ग्रहो के बारे में बताया गया है। ब्रह्माण्ड पुराण में, परशुराम की कथा का वर्णन, और चंद्रवंशी, तथा सूर्यवंशी राजाओ के इतिहास का वर्णन भी मिलता है। ब्रह्माण्ड पुराण में, १२०० श्लोक, और पूर्व, मध्य, उत्तर जैसे ३ भाग मिलते है।

इस प्रकार हम इन १८ पुराणों का अध्ययन करके हम ज्ञान, भक्ति, और वैराग्य की प्राप्ति कर सकते है। आशा करते है आपको जानकारी अच्छी लगी हो , अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।


ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

18 पुराण से जुड़े प्रश्न उत्तर


पुराण क्या है?

पुराण का अर्थ है, ‘प्राचीन’ यानि ‘पुराना’। यह वैदिक काल के काफी समय के बाद इसकी रचना हुई। इसकी रचना संस्कृत भाषा में हुई। कुछ पुराण क्षेत्रीय भाषा में भी उपलब्ध कराये गए। इसमें वैदिक काल के देवी देवताओ ,ब्रह्माण्ड के बारेमे ,तीर्थयात्रा ,चिकित्सा ,और हमारे प्राचीन राजाओ की सूचि मिलती है।

सबसे प्राचीनतम पुराण कौन सा है?

ब्रह्मा पुराण को प्राचीनतम पुराण बताया गया है ,इसे आदिपुराण भी कहते है।

गरुड़ पुराण पढ़ने से क्या होता है?

अक्सर लोग गरुड़ पुराण पढ़ने से हिचकिचाते है, क्यूंकि गरुड़ पुराण को किसी की मृत्यु के पश्चात् पढ़वाया जाता है। इस पुराण में मृत्यु के पश्चात् मिलने वाले कष्टों और कर्म कांडो के बारे में बताया गया है।

पुराण के रचयिता कौन थे?

महर्षि वेद व्यासजी ने १८ पुराणों रचना की थी। महाभारत महाकाव्य भी उन्ही की रचना है।

सबसे बड़ा पुराण कौन सा है?

स्कन्द पुराण १८ पुराणों में सबसे बड़ा पुराण है। इसमें नदी, नक्षत्रों और प्राचीन भारत के इतिहास के बारे मे विस्तार से वर्णन किया गया है।


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