Psychology Meaning In Hindi | मनोविज्ञान का अर्थ संपूर्ण
Psychology Meaning In Hindi: Psychology शब्द का हिंदी भाषा में अर्थ और अभिप्राय जानने के लिए सबसे पहले हम ये जान लेते हैं कि इसको सामान्यतः हिंदी में किस प्रकार उच्चारित किया जाता है। इस तरह से हमे आगे बढ़ने में आसानी होगी।
Psychology (साइकोलॉजी) को हिंदी में मुख्य रूप से निम्न प्रकार से उपयोग में लाया जाता है:
- मनोविज्ञान
- आत्म विद्या
- मनोवृति अध्यन
- आत्म तत्व विद्या
- मनोभाव विद्या
- मानसशास्त्र
- अध्यात्म विद्या
- मानस विज्ञान
Psychology Meaning In Hindi | मनोविज्ञान का अर्थ संपूर्ण
Meaning of Psychology in Hindi (मनोविज्ञान का हिंदी में अर्थ)
मनोविज्ञान मस्तिष्क में उतरने वाले विचारों तथा व्यवहारों का एक वैज्ञानिक अध्ययन है। मनोविज्ञान में चेतन व अवचेतन का अध्ययन, भाव और व्यवहार का अध्ययन भी समिलित है। प्राकृतिक विज्ञान की सीमाओं को पार कर के मन से जुड़े तत्वों के अध्ययन को ही मनोविज्ञान कहा जाएगा। मनोविज्ञान केवल मनुष्य मात्र के विचारों के अध्ययन से नहीं जुड़ा, अपितु मनोविज्ञान तो हर प्राणी के मन के भावों को क्रमबद्ध तरीके से अध्ययन करने को कहा जाता है। अन्य तरीके से कहा जाए तो मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जो एक निश्चित तौर पर क्रमबद्ध (Systematically) तरीके से अभिव्यक्त या जो अभिव्यक्त किए नहीं गए हैं, दोनों तरह के व्यवहारों का अध्ययन करता है।
मनोविज्ञान प्राणी के मन में आने वाले व्यवहारिक तथा मानसिक प्रक्रियाओं का अवलोकन कर उनका एक संदर्भ घटना से संबंध जोड़कर अध्ययन करने का कार्य करता है। मानसिक प्रक्रियाओं में संवेदन, अधिगम, अविधान, चिंतन, स्मृति, प्रत्यक्षण आदि आते हैं। मनोविज्ञान के द्वारा वातावरण की विभिन्न घटनाओं का मन मस्तिष्क पर होने वाले प्रभाव का अवलोकन किया जाता है। मुख्य तौर पर मनोविज्ञान भावों तथा अनुभव का विज्ञान है।
मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ देखें तो मनोविज्ञान Psychology शब्द का हिंदी में अनुवाद है। अंग्रेजी का Psychology शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है – Psyche और Logos (सायचे और लोगोस)। Psyche का अभिप्राय होता है, सांसे और जीवन आत्मा (Soul)। वहीं logos ka अभिप्राय होता है, कारण (Reason)। इस प्रकार दोनों को जोड़ देने से Psychology शब्द का हिंदी में अर्थ होता है आत्मा का कारण जानना, अर्थात आत्म ज्ञान या आत्म का अध्ययन। वैसे भी तो प्राचीन काल में मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान ही कहा गया है।
Definitions of Psychology (मनोविज्ञान की परिभाषाएं)
मनोविज्ञान को अलग-अलग समय में बहुत से विद्वानों के द्वारा भिन्न तरीके से परिभाषित किया गया है। जिससे समय के साथ मनोविज्ञान के अर्थ में बहुत अंतर देखने को मिलता है।
कुछ विद्वान व्यक्तियों के द्वारा मनोविज्ञान (Psychology) को निम्न तरीके से परिभाषित किया गया है:
- मनोविज्ञान वह विज्ञान है, जो जीवित व्यक्तियों का उनके वातावरण के प्रति अनुक्रियाओं का अध्ययन करता है – गार्डनर मर्फी।
- मनोविज्ञान की परिभाषा यह हो सकती है कि यह चेतना की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन और व्याख्या करता है – विलियम जेम्स।
- बालक के विकास का अध्ययन हमें ये जानने योग्य बनाता है कि क्या पढ़ाएं और कैसे पढ़ाएं – किलफोर्ड।
- मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित या शुद्ध विज्ञान है – वाटसन।
- मनोविज्ञान वातावरण के सम्पर्क में होने वाले मानव व्यवहारों का विज्ञान है – वुडवर्थ।
- शिक्षा के द्वारा मानव व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है तथा मानव व्यवहार का अध्ययन ही मनोविज्ञान कहलाता है – ब्राउन।
- शिक्षा मनोविज्ञान के अन्तर्गत शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है – स्किनर।
- मनोविज्ञान के सिद्धान्तों व परिणामों का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान कहलाता है – कॉलसनिक।
- किसी मानव मस्तिष्क में किसी जीव या प्राणी के संदर्भ में आए विचारों का मानव मस्तिष्क द्वारा निकाले गए निष्कर्षों को परिभाषित करना मनोविज्ञान कहलाता है।
- मनोविज्ञान मानव व्यवहार तथा मानव संबंधो का अध्ययन है – क्रो एंड क्रो।
मनोविज्ञान को परिभाषित करते हुए कुछ लोगों ने इसे शिक्षा मनोविज्ञान कहा है। इसका मूल कारण है कि मनोविज्ञान का आज कल के समय में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत योगदान रहा है। मनोविज्ञान शिक्षा क्षेत्र में काफी समस्याओं का समाधान निकालने में मदद करता है। मनोविज्ञान हमे मन के व्यवहार को समझने में मदद करता है, इसलिए मन और मस्तिष्क से जुड़ी शिक्षा के क्षेत्र में इसका पूर्ण इस्तेमाल किया जाता है। इसी के फलस्वरूप मनोविज्ञान और शिक्षा में संबंध स्थापित हो जाता है और शिक्षा-मनोविज्ञान का उदय हुआ है।
मनोविज्ञान की शाखाएं (Branches of Psychology)
मनोविज्ञान सर्वप्रथम दर्शनशास्त्र की ही एक शाखा के रूप में उत्पन हुआ था, इसी लिए इस पर दार्शनिक अभिव्यक्ति का पूरी तरह से प्रभाव है। उसके बाद समय के जिस प्रकार से जरूरतें बदलती गईं उसी अनुसार मनोविज्ञान का उपयोग भी बदलता गया। जिसके चलते मनोविज्ञान ने भिन्न-भिन्न तरह का रूप लिया। उदाहरण के तौर पर पशुओं के व्यवहार को समझने के मनोविज्ञान को पशु मनोविज्ञान कहा जाता है। पशुओं के व्यवहार से सिख कर उसको इंसानों पर लागू करने के लिए तुलनात्मक मनोविज्ञान का उदगम हुआ। पशुओं और मनुष्यों के भावों का अवलोकन तभी संभव है जब उनका विकास एक दिशा में हो। इसी का ध्यान रखने के लिए विकासात्मक मनोविज्ञान का उदय हुआ। फिर इन्हीं प्रभावों को समस्त समाज में लागू कैसे किया जाए इसको सोच कर समाज मनोविज्ञान की स्थापना हुई। इसी भांति मनोविज्ञान की अन्य शाखाएं भी धीरे-धीरे सामने आई और उनका प्रयोग किया जाने लगा। इसके फलस्वरूप अहसास किया गया कि मनोविज्ञान अन्य अध्ययनों की समस्याओं को भी समाधान प्रदान कर सकता है, जिसके चलते मनोविज्ञान का संबंध अन्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी और अन्य विद्याओं में किया जाने लगा।
इस प्रकार मनोविज्ञान बहुत सी शाखाओं में बंट गया है, जिनमे से प्रमुख शाखाएं निमालिखित है:
- सामुदायिक मनोविज्ञान (Community Psychology)
- असामान्य मनोविज्ञान (Abnormal psychology)
- मनोमिति (Psychometrics)
- विकासात्मक मनोविज्ञान (Developmental psychology)
- जीववैज्ञानिक मनोविज्ञान (Biological psychology)
- आपराधिक मनोविज्ञान (Forensic psychology)
- संज्ञानात्मक मनोविज्ञान (Cognitive psychology)
- तुलनात्मक मनोविज्ञान (Comparative psychology)
- स्वास्थ्य मनोविज्ञान (Health psychology)
- औद्योगिक एवं संगठनात्मक मनोविज्ञान (Industrial and organizational psychology)
- आलोचनात्मक मनोविज्ञान (Critical psychology)
- शैक्षिक मनोविज्ञान (Educational psychology)
- वैश्विक मनोविज्ञान (Global psychology)
- परामर्श मनोविज्ञान (Counseling psychology)
- विधिक मनोविज्ञान (Legal psychology)
- व्यक्तित्व मनोविज्ञान (Personality psychology)
- संख्यात्मक मनोविज्ञान (Quantitative psychology)
- सामाजिक मनोविज्ञान (Social psychology)
- पर्यावरणीय मनोविज्ञान (Environmental psychology)
मनोविज्ञान का स्वरूप और कार्यक्षेत्र (Nature and Scope of Psychology)
मनोविज्ञान स्वभाव में घटनाओं से उत्पन समस्याओं का ही अध्ययन करके समस्याओं का हल निकालने का कार्य करता है। मनोविज्ञान का जिस तरह से विस्तार हो चुका है उसकी जानकारी तो हमने ऊपर के भागों में पा ही ली है। हम जान चुके हैं कि लगभग हर एक क्षेत्र में मनोविज्ञान का गहरा बोलबाला है। ऐसे में ये जान लेना भी अति आवश्यक है कि मनोविज्ञान के क्षेत्रों को मुख्य तौर पर कितने भागों में बांटा जा सकता है।
इसी तर्ज पर मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्रों को विभाजित करने के लिए सबसे सही श्रेणी है वह श्रेणी जिससे पता चलता है कि मनोविज्ञानी आखिर चाहते क्या हैं। उनके मनोविज्ञान से पाने वाले फायदों के आधार पर मनोविज्ञानियों को निम्न 3 श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
- शिक्षण क्षेत्र
- शोध क्षेत्र
- उपयोग क्षेत्र
शिक्षण क्षेत्र और मनोविज्ञान (Academic Areas and Psychology)
शिक्षण मनोविज्ञान का एक महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्र है। शिक्षण क्षेत्र के तहत मनोविज्ञानी प्रयास करते हैं कि वे इच्छुक तथा जरूरतमंद विद्यार्थी, जो कि मनोविज्ञान की विद्या को आगे ले जाने में सहायक होंगे, उन्हें मनोविज्ञान से जुड़े तथ्यों की जानकारी समस्त तरीके से दी जाए। इस क्षेत्र के अंतर्गत मनोविज्ञान की बहुत सी शाखाएं आती है। उदाहरण के तौर पर, शिक्षा मनोविज्ञान, समाज मनोविज्ञान, प्रेरणात्मक मनोविज्ञान, असामान्य मनोविज्ञान, व्यक्तित्व मनोविज्ञान।
शोध क्षेत्र और मनोविज्ञान (Research and Psychology)
शोध क्षेत्र में मनोविज्ञान से आशय है, मनोविज्ञान के उन पहलुओं पर विचार विमर्श करना जिन के बारे में अब से पहले ना सोचा गया हो और ना ही कोई तथ्य स्थापित किए गए हो। शोध क्षेत्र में कोशिश की जाती है किस प्रकार से वर्तमान की समस्याओं का समाधान देने में मनोविज्ञान मददगार साबित हो सकता है। मनोविज्ञान के अलग पहलुओं को विभिन्न नजरिये से अवलोकित करने के बाद तथ्य साबित किए जाते हैं, जिनका उपयोग मनोविज्ञान की अन्य शाखाओं में किया जाता है। इसके अंतर्गत आलोचनात्मक मनोविज्ञान, नैदानिक मनोविज्ञान, तुलनात्मक मनोविज्ञान, विकासात्मक मनोविज्ञान इत्यादि आते हैं।
उपयोग क्षेत्र और मनोविज्ञान (Application and Psychology)
मनोविज्ञान के उत्पादित तथ्यों का वर्तमान में चल रही समस्याओं और आने वाली ज्ञात समस्याओं के समाधान के लिए उपयोग करना ही मनोविज्ञान का उपयोग क्षेत्र कहलाता है। इस क्षेत्र में मनोविज्ञानी प्रयास करते है किस प्रकार से मनोविज्ञान का उचित तौर पर इस्तेमाल किया जा सके। इससे मनोविज्ञान का वास्तविक अर्थ सिद्ध होता है। इस क्षेत्र में मुख तौर पर सामुदायिक मनोविज्ञान, अपराधिक मनोविज्ञान, औद्योगिक मनोविज्ञान, विधिक मनोविज्ञान इत्यादि आते हैं।
मनोविज्ञान की विशेषताएं (Characteristics of Psychology)
अभी तक हमने मनोविज्ञान के बारे में जो सीखा और मनोविज्ञानियों के द्वारा दी गई मनोविज्ञान की परिभाषाओं के आधार पर मनोविज्ञान की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
- मनोविज्ञान अनुभव का विज्ञान है।
- मनोविज्ञान मन में उतरने वाले भावों का अवलोकन है।
- मनोविज्ञान मानसिक प्रक्रियाओं के अध्ययन का विज्ञान है।
- मनोविज्ञान मानव व्यवहार और संबंधो का अध्ययन करता है।
- मनोविज्ञान मन में उत्पन्न क्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है।
- मनोविज्ञान आयु वर्ग के हिसाब से यानी कि बालक, किशोर व प्रौढ़ के विचारों को अलग तरह से अध्ययन करता है।
- मनोविज्ञान सामान्य व असामान्य व्यवहारों का अवलोकन करता है।
- मनोविज्ञान अभिव्यक्त किए गए तथा अभिव्यक्त नहीं भी किए गए, दोनों ही विचारों को देखता है।
- मनोविज्ञान केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं है।
- मनोविज्ञान चेतना की विभिन्न अवस्थाओं की व्याख्या करता है।
- मनोविज्ञान वातावरण की विभिन्न परिस्थितियों का मन मस्तिष्क पर प्रभाव को पढ़ता है।
- मनोविज्ञान में वैज्ञानिक विधि का उपयोग किया जाता है।
- मनोविज्ञान की बहुत सी शाखाएं हैं।
मनोविज्ञान और करियर (career and Psychology)
मनोविज्ञान भले ही जीवन को जटिल बनने से रोकने का एक प्रयास क्यों ना हो, पर इसको समझ पाना उतना भी आसान नहीं है। मनोविज्ञान की यही विशेषता हमें मनोविज्ञान के क्षेत्र में अपने करियर का चुनाव करने के लिए मौका देती है। अगर मनोविज्ञान को लगन के साथ जान लिया जाए, तो इसके साथ एक बहरतीन करियर की शुरुआत की जा सकती है। इसका मूल कारण यही है कि हर कोई मनोवैज्ञानिक तनाव का शिकार है पर उसका समाधान देने के लिए बहुत ही कम लोग है। ऐसे में मनोविज्ञान के क्षेत्र में बहुत सी करियर opportunities है, जिसमें से कुछ निम्न है:
- चार्टर्ड मनोवैज्ञानिक
- मनोचिकित्सक
- मनोविज्ञान के क्षेत्र में समाज सेवा
- मनोविज्ञान से जुड़े मीडिया और विज्ञापन
- मनोविज्ञान सलाहकार
Conclusion (निष्कर्ष)
इस प्रकार मनोविज्ञान से जुड़े इस लेख में आज हमने कुछ रोचक जानकारी प्राप्त की है। जिसमें मनोविज्ञान का अर्थ (Manovigyan ka arth), मनोविज्ञान की परिभाषाएं (Manovigyan ki paribhasha), मनोविज्ञान की शाखाएं (Manovigyan ki shakhain), मनोविज्ञान का स्वरूप और क्षेत्र (Manovigyan ka swaroop aur shetr) और मनोविज्ञान की विशेषताएं (Manovigyan ki Visheshtayen) शामिल थे। साथ ही हमने मनोविज्ञान के क्षेत्र में करियर के बारे में भी चर्चा की। आशा है की आपको ये मनोविज्ञान से जुड़ा लेख पसंद आया होगा और इसमें संग्रहित जानकारी आपका ज्ञान बढाने में सहायक होगी।
मनोविज्ञान से संबंधित प्रश्नोत्तर (Psychology Related FAQs)
मनोविज्ञान के बारे में जो जानकारी हमने प्राप्त की उनसे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न है। आइए उन्हें जान लेते हैं:
प्रश्न: Psychology को हिंदी में क्या कहते हैं?
उत्तर: Psychology शब्द को हिंदी में बहुत से नामों से जाना जाता है, मनोविज्ञान उनमें से प्रमुख है।
प्रश्न: Psychology (मनोविज्ञान) क्या है?
उत्तर: मनोविज्ञान मुख्य तौर पर मन मस्तिष्क के भावों और व्यवहारो को समझने की एक विज्ञान है, जो उस समझ के फलस्वरूप हासिल होने वाले तथ्यों का उपयोग समस्याओं को सुलझाने में करता है।
प्रश्न: मनोविज्ञान (Psychology) की शुरुआत कब हुई?
उत्तर: मनोविज्ञान का अध्ययन तो प्राचीन काल से चला आ रहा है, किंतु शोध विज्ञान में मनोविज्ञान को स्थान 19वी शताब्दी के मध्य में मिला था।
प्रश्न: मनोविज्ञान का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर: मनोविज्ञान का मुख्य कार्य वातावरण की विभिन्न घटनाओं के साथ मन के भावों का संबंध स्थापित कर अवलोकन करना है।
प्रश्न: मनोविज्ञान की कितनी शाखाएं हैं?
उत्तर: समय के साथ मनोविज्ञान व्यापक विकास को प्राप्त हुआ है। बदलते हुए समय ने मनोविज्ञान को अलग-अलग रूप दिए है। वो सभी रूप आज मनोविज्ञान की शाखाएं हैं, जो कि गिनती में बहुत है। मुख्य रूप से मनोविज्ञान की 25 के करीब शाखाएं हैं।
प्रश्न: मनोविज्ञान को शिक्षण क्षेत्र में क्या कहा जाता है?
उत्तर: मनोविज्ञान का उपयोग शिक्षण क्षेत्र में भी भरपूर हुआ है और होता आ रहा है। मनोविज्ञान के शिक्षा क्षेत्र में होने वाले उपयोग को शिक्षा-मनोविज्ञान (Educational Psychology) कहते है।
प्रश्न: मनोविज्ञान (Psychology) में करियर विकल्प है या नहीं?
उत्तर: मनोविज्ञान के क्षेत्र में बहुत से करियर के विकल्प है, मनोविज्ञान सलाहकार, मनोचिकित्सक जिनमे से प्रमुख है।