Gayatri Jayanti 2021: गायत्री जयंती 2021 कब है,जाने तिथि, पूजा विधि, महत्त्व

गायत्री जयंती 2021
गायत्री जयंती 2021

Gayatri Jayanti 2021: गायत्री जयंती 2021 कब है,जाने तिथि, पूजा विधि, महत्त्व

हिन्दु भारतीय संस्कृति की जनदात्री गायत्री माता को माना जाता है। गायत्री माता को वेदमाता, देवमाता और ज्ञान गंगा के नाम से भी पुकारा जाता है।

गायत्री माता से ही चारो वेदो की उत्पति मानी जाती है। माना जाता हे, की चारो वेदो का ज्ञान लेके जिस पुण्य की प्राप्ति होती हे, वही पुण्य, चारो वेदो का ज्ञान, केवल गायत्री मंत्र को समझने से ही प्राप्त हो जाता है।

माता गायत्री कौन थी?

माँ गायत्री माता को ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनो देवो का स्वरुप माना जाता है। माँ गायत्री के पांच मुख और दस हाथ है, उनके इस रूप में चार मुख चारो वेदो का प्रतीक है, एवं उनका पांचवा मुख सर्व शक्तिमान शक्ति का प्रतिनिघित्व करता है।

माँ के दस हाथ भगवान विष्णु के प्रतीक है, एवं त्रिदेवो की आराध्या भी माँ गायत्री को कहा जाता है। गायत्री माता ही ब्रह्मा की दुसरी पत्नी है।

गायत्री जयंती क्यों मनाई जाती है?

शास्त्रों के अनुसार गायत्री जयंती ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष के ग्यारवे दिन मनाई जाती है। मान्यता हे, की गुरु विश्वामित्र ने इस मंत्र को इस दिन पहली बार बोला था, जिसके बाद इस पवित्र मंत्र को गायत्री जयंती के रूप में जाना जाने लगा।

गायत्री जयंती 2021 कब है?

इस वर्ष गायत्री जयंती २२, अगस्त, २०२१ को मनाई जाएगी। यह २१ अगस्त शाम ४ बजकर २५ मिनट पे आरंभ होके, २२, अगस्त दोपहर १.२५ पे समाप्त होगी।

माना गया हे, की माँ गायत्री की उपासना किसी भी स्थिति में की जा सकती है। हर परिस्थिति में यह लाभदायी है। परंतु विधिपुर्वक भावना के साथ की गयी उपासना अति फलदायी है।

गायत्री मां की पूजा कैसे की जाती है?

गायत्री जयंती के दिन स्नान आदि से निवृत होकर, गायत्री मंदिर या घर के किसी भी शुद्ध पवित्र स्थान पर पीले आसन पर सुखासन में बैठकर, माँ गायत्री की उपासना करे।

पहले ब्रह्म संध्या जो शरीर व मन को पवित्र बनाने के लिए की जाती है। इसके अंतर्गत पांच कृत्य करने होते है ,पवित्रीकरण ,आचरण ,शिखर स्पर्श, एवं वंदन, और प्राणायाम।

इन सभी कृत्यों का भाव यही हे, की साधु के मन में पवित्रता एवं प्रखरता की अभिवृद्धि होती है। संध्या के पश्चात् पूजा के स्थान पर माँ गायत्री का चित्र स्थापित करे और कलश भी स्थापित करे, और गायत्री मंत्र के माध्यम से माता का आह्वान करे।

गरीब कन्याओं को भोजन कराये, दान करे। माँ गायत्री आपकी सभी मनोकामना को पूर्ण करेगी।

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