जाने गरुड़ पुराण क्या है? गरुड़ पुराण की 7 महत्वपूर्ण बातें

जाने गरुड़ पुराण क्या है गरुड़ पुराण की 7 महत्वपूर्ण बातें
जाने गरुड़ पुराण क्या है गरुड़ पुराण की 7 महत्वपूर्ण बातें

गरुड़ पुराण क्या है? गरुड़ पुराण में क्या लिखा है?

शास्त्रों में बताया गया है कि जीस किसी ने भी जन्म लिया है वो एक न एक दिन मृत्यु को अवश्य ही प्राप्त होता है। ऐसे में हमारे हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद की कुछ परंपराएं ऐसी होती हैं, जिनका पालन मृतक के परिवार वालों को अनिवार्य रूप से करना होता है। इन्हीं परंपराओं में से एक होता है। जब किसी मृत्यु होती है, तब मृतक के घर पर नियमित गरुड़ पुराण का पाठ करवाना चाहिए। लेकिन प्रश्न यह उठता है, कि आखिर यह गरुड़ पुराण क्या है? गरुड़ पुराण में क्या लिखा है? आज हम आपको सात ऐसे अति महत्वपूर्ण बाते बताएंगे, जिससे की आपको गरुड़ पुराण की महत्ता का ज्ञान हो जाएगा। साथ ही आपको गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम भी बताएँगे, जिनका पालन प्रत्येक जीवित व्यक्ति को बड़ी ही सहजता के साथ करना चाहिए। ताकि जीवन में आने वाले समस्त प्रकार की कठिनाइयों का सामना बड़ी ही सहजता के साथ किया जा सके और अंत में सुख और वैभव की प्राप्ति हो सके।

गरुड़ पुराण में बताया गया है, कि जीस किसी की भी मृत्यु होती है। उसकी आत्मा लगभग 13 दिनों तक उसी घर में निवास करती है, जब तक कि पगड़ी की रस्म पूरी न की हो जाए। ऐसी स्थिती में यदि घर में गरुड़ पुराण का नियमित पाठ किया जाता है। तो इसके श्रवण मात्र से ही आत्मा को शांति तथा मोक्ष की प्राप्ति संभव हो जाती है।

आमतौर पर लोग जन्म और मृत्यु से जुड़े कई प्रश्नों का उत्तर जानने को उत्सुक रहते हैं। ऐसे में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार के सदस्यों के मन में ये प्रश्न और भी प्रबल हो जाते हैं। ऐसी दशा में इस पुराण के श्रवण मात्र से ही मन की जिज्ञासाएं शांत होती है क्योंकि इसमें इन्ही सब प्रश्नों के उत्तर बताए गए हैं।

गरुड़ पुराण का प्रारंभ मनु और सृष्टि की उत्पत्ति से होता है। तत्पश्चात इसमें अन्य पुराण कथा बताई गई है। साथ ही साथ इसमें भगवान विष्णु की भक्ति और उपासना का महत्व बताते हुए उनके 24 अवतारों का संक्षिप्त वर्णन किया गया है। इसके अलावा नवग्रहों के मंत्र शिव, पार्वती, इंद्र, सरस्वती और नौ शक्तियां की जानकारी भी बताई गई है।

मूल रूप से यदि देखा जाए, तो गरुड़ पुराण को दो भागों में बांटा जा सकता है। इसके प्रथम भाग में श्रीहरि की भक्ति और उपासना का महत्व बताया गया है, जबकि दूसरे भाग में जन्म और मृत्यु के रहस्यों का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया है।

इस पुराण में अलग-अलग नरक का वर्णन मिलता है। मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होगा, उसका किस प्रकार से दूसरा जन्म होगा, इत्यादि, ऐसी कई बातों के अलावा भी इसमें पितृकर्म की महत्ता को भी अधिक महत्व दिया गया है।

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इसमें बताया गया है कि किस प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल की प्राप्ति होती है। जो प्राणी जैसा करम करेगा, उसकी आत्मा वैसा ही फल भोगेगी। शायद इसलिए इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए किसी की मृत्यु के बाद का उपचार निर्धारित किया गया है ताकि उस समय मृतक की आत्मा सहित अन्य सभी लोग जन्म और मृत्यु इससे जुड़े रहस्यों को यथोचित ढंग से जान सकें।

इस पुराण का ज्ञान यही प्रेरणा देता है, कि हमें जीवन में अच्छे कार्य करने चाहिए। हम सभी जानते हैं, कि जो जैसा करता है वैसा ही भरता है। यह सृष्टि का नियम है और यही बात इस पुराण में भी की गई है। यदि संक्षिप्त में कहा जाए। तो गरुड़ पुराण में बताए गए रहस्यों को समझने के बाद मृतक की आत्मा सहित परिवार वालों को दुःख सहने की शक्ति मीलती है, और वे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं।

इसके अलावा इसमें जीवन से जुड़े सात ऐसे महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, जिनका पालन प्रत्येक व्यक्ति को बड़ी ही सहजता के साथ करना चाहिए। वह कुछ इस प्रकार है।

गरुड़ पुराण – मृत्यु के बाद मरणासन्न व्यक्ति के कल्याण के लिए किए जाने वाले कर्म

1. गरुड़ पुराण के नीतिसार में बताया गया है कि शत्रुओं से निपटने के लिए हमें सतर्कता और छात्रों का सहारा लेना चाहिए। कुछ शत्रु हमें लगातार ही नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते रहते हैं। ऐसे में यदि हम चतुरता नहीं दिखाएंगे तो हमें अपने व्यापार पेशे से लेकर अन्य किसी भी रूप में नुकसान उठाना ही पड़ेगा। इसीलिए इस पुराण में बताया गया है कि जैसा हमारा शत्रु होगा उसकी ठीक ढंग से पहचान करके हमें उसी के अनुसार अपनी कुटिल नीतियों का उपयोग करके उस पर काबू पाना होगा।

2. यदि आप धनवान और भाग्यशाली बनना चाहते हैं, तो जरूरी है कि आप साफ सुथरे एवं सुगंधित वस्त्र पहने। इस पुराण के अनुसार उन लोगों का सौभाग्य नष्ट हो जाता है जो गंदे और मेले कपड़े पहनते हैं। ऐसे लोगों के पास कभी लक्ष्मी नहीं आती है तथा उनके घर में दरिद्रता का निवास हो जाता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि जो लोग धनवान और सभी सुख सुविधाओं से संपन्न होते हैं परंतु फिर भी गंदे वस्त्र पहनते है तो धीरे धीरे से उनका धन नष्ट होने लगता है।

3. किसी भी लक्ष्य को हासिल और महारत हासिल करने के लिए उसे सिखने और उसके निरंतर अभ्यास से ही उसमें पारंगत हुआ जा सकता है। निरंतर अभ्यास करते रहने से कोई भी व्यक्ति बुद्धिमान बन सकता है, परंतु इसके ठीक विपरीत यदि अभ्यास का अभाव हो तो अच्छी से अच्छी विद्या भी एक न एक दिन नष्ट हो जाती है। अर्थात समय बीतने के साथ ही हमारा मन और मस्तिष्क उन बातों को भूलने लगता है। इसलिए इसमें बताया गया है कि ज्ञान और विद्या को सुरक्षित रखने के लिए हमें सदैव उसका अनुसरण और अभ्यास करते रहना चाहिए।

4. भोजन ही हमें ताकत देता है और भोजन ही हमें निरोगी बनाता है। अर्थात भोजन ही हमारी ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। हमें ज्यादातर बीमारियाँ भी भोजन की वजह से ही होती है। परंतु यदि हम संतुलित आहार ग्रहण करेंगे, तो हमें निरोगी काया प्राप्त होगी। इसलिए हमें सदैव सुपाच्य भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। क्योंकि ऐसे भोजन से हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और ऊर्जा पूर्ण रूप से शरीर को प्राप्त होती है।

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5. एकादशी व्रत को ग्रंथो और पुराणो में श्रेष्ठ बताया गया है। गरुड़ पुराण में इसकी महत्ता का बखान विस्तार से किया गया है। जो प्राणी एकादशी व्रत करता है, वो सभी प्रकार के कष्टों से बचा रहता है। साथ ही साथ उसका दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है।

6. तुलसी की महत्ता का बखान लगभग सभी पुराणो में भली प्रकार से किया गया है। तुलसी को घर में रखने से लगभग सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। इसका प्रतिदिन सेवन करने से मनुष्य कई प्रकार के रोगों से बचा रहता है। इतना ही नहीं तुलसी को अपने आंगन में लगाने से सौभाग्य आने लगता है और कई अवरुद्ध रास्ते खुल जाते हैं। भगवान् विष्णु के पूजा के पश्चात तुलसी की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

7. इस पुराण में बताया गया है की ज्ञानी, धर्मनिष्ट का अपमान करने वाले तथा धर्म का अपमान करने वालों को एक ना 1 दिन निश्चित रूप से पछताना पड़ता है। गरुड़ पुराण के अनुसार मंदिर जैसे पवित्र स्थानों पर गंदे काम करने वाले, अच्छे लोगों को धोखा देने वाले, अथवा किसी को अपशब्द कहने वाले, तथा धर्मशास्त्रों और वेद, पुराण उनके अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों की भिन्न-भिन्न नरकों में यातनाएं भोगनी पड़ती है। तो मित्रों अब तो आप जरूर गरुड़ पुराण के महत्व और ज्ञान को ज़रूर से समझ गए होंगे।

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