ऐरावत क्या है? ऐरावत हाथी कौन था? | Airavat Hathi
ऐरावत हाथी कौन था?
इंद्र के हाथी का क्या नाम था?
ऐरावत क्या है?(Airavat Hathi)
ऐरावत क्या है?
ऐरावत हाथी – समुद्र मंथन से निकले रत्नो में जब बटवारा हुवा तब देवराज इंद्र ने अपने वाहन स्वरुप इसे ग्रहण किया था। ऐरावत देव लोक का एक सफ़ेद हाथी है।
ऐरावत हाथी किसका वाहन है?
वैदिक भगवान इंद्र का वाहन है। इस हाथी का रंग सफेद है, इसके और इसमें चार दाँत हैं। वह सभी हाथियों के राजा भी हैं, और देवों और असुरों के समुंद्र मंथन से निकले थे।
ऐरावत हाथी से जुडी महाभारत काल की कथा:
एक बार ऋषि वेद व्यास हस्तिनापुर पधारे, उनका धृतराष्ट्र द्वारा अच्छे से स्वागत किया गया। फिर जब धृतराष्ट्र ने उनसे कहा – व्यासजी आप तो त्रिकालदर्शी है। आपको तो सबकुछ पता है।
तो कृपया हमे ऐसा उपाय बताइये, जिससे हमारे यहाँ कभी धनधान्य और हमारी कीर्ति कभी नष्ट ना हो। तब वेद व्यासजी उन्हें गजलक्ष्मी के पूजन की विधि बतलाई, जिसमे ऐरावत हाथी की पूजा का महत्व उनको बताया।
तब वेद व्यासजी के कहे अनुसार धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी ने नगर में सबको ऐरावत हाथी के पूजन हेतु नगर के प्रतिष्ठित स्त्रीओ को बुलवा लिया। और गांधारी के महल में पूजा की तैयारी जोरो शोरो से चलने लगी। सबके हाथो में पूजा की थाली पुष्प ,अबिल गुलाल और सुगंधित चीज़ो से पूजाकी तैयारियां होने लगी।
तब पांडवो की माता कुंती बहुत निराश होकर कोने में बैठी थी। तब उनके पुत्र युधिष्ठिर ,अर्जुन समेत पांचो पांडव वहा पहुंचे और अपनी माता को इस प्रकार देख के वह चिंतित हुवे और कहा – माता आप यहाँ इस प्रकार क्यों चिंतित बैठी है ,आपने पूजा की तयारी नहीं की?
तब कुंती ने कहा – गांधारी ने नगर की सारी प्रतिष्ठित स्त्रीओ को आमंत्रित किया है, पर मुझे उन्होंने नहीं बुलाया। तब यह जानकर पांडवो को भी दुःख पंहुचा और फिर अर्जुन ने कहा – माता आप भी नगर में ढंढेरा पिटवाओ और सब प्रतिष्ठित नारिओ को आमंत्रित करो के देवराज इंद्र के वाहन ऐरावत हाथी स्वयं स्वर्ग से पधार रहे है। तो जिनको पूजा का लाभ लेना हो वह ज़रूर पधारे।
तब फिर अर्जुन ने अपना अस्त्र चलाया और स्वर्ग से ऐरावत हाथी पधारे। फिर गांधारी के महल की सारी महिलाए भी कुंती के महल में आके सबने स्वर्ग से उतरे ऐरावत हाथी की पूजा की। इस प्रकार अर्जुन ने अपनी माता का मान रख लिया।
यह भी पढ़े:
Puran Kitne Hai – जानिए सभी पुराणों का सक्षिप्त वर्णन
विवाह कितने प्रकार के होते हैं?
हनुमान अहिरावण युद्ध | Hanuman Ahiravan Yudh
राम ने हनुमान को मृत्युदंड क्यों दिया? Ram Hanuman Yudh
16 घोर नरक गरुड़ पुराण के अनुसार – Narak Garud Puran
राम नाम सत्य है क्यों बोला जाता है? | Meaning of Ram Naam Satya Hai
One Comment
Comments are closed.