11 चमत्कारिक Kali Mandir जहां माँ काली है स्वयं बिराजमान
Kali Mandir: माँ काली देवी पारवती का ही एक रूप है जो भगवान शिव की पत्नी है। माँ काली ने दानव शक्तिओं के विनाश के लिए अवतार लिया था। वर्षों से हमारे देश में माँ काली की पूजा होती आ रही है और माँ काली के अनगिनत मंदिर भी है। लेकिन इन मंदिरों में कुछ ऐसे चमत्कारिक मंदिर भी है जहाँ माँ काली को सबसे जागृत माना जाता है। जहा माँ के प्रत्यक्ष होने के कही प्रमाण भी मिले है। कौन-कौन से हैं माता काली के यह 11 प्रमुख मंदिर? और कहा-कहा बिराजमान है, तो चलिए जानते है।
Kali Mandir: 11 चमत्कारिक मंदिर जहां माँ काली है स्वयं बिराजमान
1. दक्षिणेश्वर काली मंदिर – Dakshineswar Kali Mandir
कोलकाता माँ काली को कोलकाता में खास तौर पर पूजा जाता है। यहाँ माँ काली का मंदिर है जिसे दक्षिणेश्वर काली मंदिर कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि माँ काले इस स्थान पर खुद ही निवास करती है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1855 में रानी रासमणि ने कराया था, जो माँ काली की बहुत बड़ी भक्त थीं। माँ काली ने उन्हें सपने में उस स्थान पर मंदिर बनाने के लिए कहा था। इस मंदिर को बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है और यहाँ 12 गुंबद है। यहाँ चारों ओर शिव शंकर की मूर्तियां हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इस मंदिर में गुरु रामकृष्णा परमहंस को माँ काली ने अपने दर्शन दिए थे। इसीलिए इस मंदिर के बाहर रामकृष्णा परमहंस जी को समर्पित एक कमरा भी है जिसमें उनकी स्मृति चिन्हों को रखा गया है।
2. कालीघाट मंदिर कोलकाता – Kalighat Kali Mandir
काली माँ का यह कालीघाट मंदिर कोलकाता के कालीघाट स्थान में स्थित है। यह मंदिर हिंदुओं के 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर माँ सती के दाएं पैर के चार अंगुलियां गिरी थी। इस मंदिर को 15 वीं सदी में बनाया गया था। किंतु इसका पुनर्निर्माण 19 वीं सदी में हुआ है। इस मंदिर की मूर्ति बहुत ही विशाल है। इसमें माँ काली के बाहर की ओर निकली हुई जीव सोने की बनी हुई है और इसके साथ ही दांत और हाथ भी सोने के बने हैं।
3. चंडी माता मंदिर छत्तीसगढ़ – Chandi Mata Mandir Chhattisgarh
देवी चंडी भी माँ काली का ही दूसरा नाम है माँ चंडी का एक सुंदर मंदिर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में गूंजा पाली में स्थित है यह मंदिर लगभग 150 साल पुराना है और यहाँ माँ चंडी की मूर्ति प्राकृतिक रूप से स्वयं उत्पन्न हुई थी। इस मंदिर में लोग दूर दूर से आते हैं और इसकी खासियत यह है की इस मंदिर में माँ के दर्शनों के लिए भालू आते हैं। यह भालू पिछले कई सालों से इस मंदिर में आ रहे हैं जो शाम के समय आते हैं। और शाम की आरती में शामिल होते हैं। इसके बाद यह भालू प्रसाद ग्रहण करते हैं और किसी को बिना कोई नुकसान पहुँचाए मंदिर से चले जाते हैं।
4. तारापीठ कोलकाता – Tarapith Mandir Kolkata
यह मंदिर भी 51 शक्तिपीठों में से एक है, जो कोलकाता के रामपुरहाट, बीरभूम जिले में स्थित है। इस स्थान पर पहुंचने के लिए ट्रेन से हावड़ा से लगभग 4 घंटे 50 मिनट लगते हैं। इस मंदिर में सुबह 4:00 बजे से ही माँ की पूजा शुरू हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर माँ सती के नेत्र गोलक गिरे थे। इस मंदिर की सुंदरता भी देखते ही बनती है।
5. कालका जी मंदिर, उत्तर प्रदेश – Shree Kalkaji Mandir Etawah, Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश के इटावा में स्थित कालिका देवी के मंदिर का अपना अलग इतिहास है। इस मंदिर की सबसे अलग बात यह है कि इस मंदिर का प्रमुख सेवक दलित होता है और यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। इस मंदिर में जो भी माँ के दर्शन करता है। माँ उसकी सारी इच्छाएं पूरी करती है। कथाओं के अनुसार यहाँ दिलीप नगर के ज़मींदार को माँ ने अपने दर्शन दिए थे और कहा था कि मैं इस राज्य में रहूंगी और मुझे लखना मैया के रूप में जाना जाएगा। इसके बाद उस जमींदार ने 400 फुट लंबा, 200 फुट चौड़ा और तीन मंजिल वाला मंदिर इस स्थान पर बनवाया था।
6. काली माँ मंदिर मध्यप्रदेश – Maa Kali Mandir Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश के जबलपुर में काली माता का एक ऐसा मंदिर है जो कई साल पुराना है। इस मंदिर में स्थापित की गई माँ काली की मूर्ति 600 साल पुरानी है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मूर्ति से पसीना निकलता है, इसलिए यहाँ एसी लगाए गए हैं। किंतु अगर किसी भी कारण से यह एसी बंद हो जाए तो माँ की मूर्ति में पसीने की बूंदें प्रत्यक्ष रूप से देखी जा सकती है। माँ के इस चमत्कार को देखने के लिए इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
7. त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बोराल – Shree Tripura Sundari Maa Shaktipeeth Temple
यह त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर कोलकाता के मध्य में स्थित है। ऐसा माना गया है कि यहाँ माँ काली त्रिपुरासुंदरी के रूप में स्थित है। इस मंदिर में माँ काली कमल के फूल पर स्थित है। इस मंदिर में पांच देवता रुद्र, ईश्वर, ब्रह्म, विष्णु और महेश्वर को भी पूजा जाता है।
8. हैंगसेश्वरी मंदिर बांसबेरिया कोलकाता – Hangseshwari Temple Bansberia West Bengal
हैंगसेश्वरी मंदिर को 19 वीं सदी में बनाया गया है। इसे वहाँ के राजा नरसिंहदेव रॉय महाशय ने बनवाया था। इसे हंसेश्वरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ माँ काली देवी को हैंगसेश्वरी के अवतार में पूजा जाता है। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है और यहाँ दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहती है।
9. काली माता मंदिर कालका पंचकूला हरियाणा – Prachin Shri Kalka Mata Mandir, Kalka
यह काली माता का मंदिर हरियाणा के कालका नामक स्थान पर है। यह स्थान महाकाली के इस मंदिर के कारण ही प्रसिद्ध है। माँ काली ने महिषासुर जैसे कई राक्षसों का वध किया। इनका वध करने के बाद माँ काली जिससे स्थान पर प्रकट हुई। उस स्थान पर आज यह मंदिर बनाया गया है। ऐसा माना जाता है कि आज भी माँ वहाँ मौजूद है और उनके होने का एहसास वहाँ होता है। यह मंदिर चंडीगढ़ से कुछ ही किलोमीटर दूर है, इसलिए यहाँ आसानी से पहुंचा जा सकता है।
10. कंकलीतला मंदिर बोलपुर – Kankalitala Kali Mandir Bolpur
कोलकाता कोलकाता के शांति निकेतन से 9 किलोमीटर दूर यह मंदिर स्थित है। यहाँ भी 51 शक्तिपीठों में से एक है और ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर माता सती का कंकाल या उनके कमर गिरी थी। यह मंदिर गांवों से दूर खेतों के बीच स्थित है इसलिए यहाँ पहुंचना थोड़ा मुश्किल है।
11. काली बाड़ी मंदिर दिल्ली – Kali Badi Mandir kolkata
दिल्ली का कालीबाड़ी मंदिर एक छोटा सा मंदिर है जो बिरला मंदिर के पास स्थित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में देवी माँ को शराब चढ़ाई जाती है। यह मंदिर बहुत ही छोटा हैं किंतु इसकी मान्यता बहुत है। इस मंदिर के अंदर एक पीपल का पेड़ है। जिसे बेहत पवित्र माना जाता है। इस पेड़ पर लाल धागे को बांधकर माँ से मनोकामना मांगी जाती है और लोगो की श्रद्धा है की माँ उसे अवश्य पूरा करती है।
तो यह थे माँ काली के 11 चमत्कारिक मंदिर जहा माँ प्रत्यक्ष स्वयं बिराजमान है। यहाँ तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
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