Secularism Meaning in Hindi | सेकुलरिज्म को हिंदी में क्या बोलते हैं?
धर्मनिरपेक्षता सेकुलरिज्म, प्राकृतिक विचारों के आधार पर मानवीय मामलों का संचालन करने का सिद्धांत है। इसे आमतौर पर नागरिक मामलों और राज्य से धर्म के अलगाव के रूप में परिभाषित किया जाता है, और इसे किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र में धर्म की भूमिका को हटाने या कम करने की आवश्यकता से संबंधित समान स्थिति तक विस्तृत किया जा सकता है। शब्द “धर्मनिरपेक्षता” के अर्थों की एक विस्तृत श्रृंखला है, और सबसे योजनाबद्ध रूप में, किसी भी संदर्भ में धर्मनिरपेक्ष को बढ़ावा देने वाले किसी भी रुख को समाहित कर सकता है। यह एंटीक्लेरिकलवाद, नास्तिकता, प्रकृतिवाद, गैर-सांप्रदायिकता, धर्म के विषयों पर तटस्थता, या सार्वजनिक संस्थानों से धार्मिक प्रतीकों को पूरी तरह से हटाने का संकेत दे सकता है। चलिए अब आपको आसान भाषा में समजाने की कोशिश करते है।
Secularism Meaning in Hindi | सेकुलरिज्म को हिंदी में क्या बोलते हैं?
एक दर्शन के रूप में, धर्मनिरपेक्षता धर्म का सहारा लिए बिना, पूरी तरह से भौतिक दुनिया से प्राप्त सिद्धांतों के आधार पर जीवन की व्याख्या करना चाहती है। यह धर्म से ध्यान को “अस्थायी” और भौतिक सरोकारों की ओर स्थानांतरित करता है।
पश्चिम में धर्मनिरपेक्षता की अलग-अलग परंपराएं हैं, जैसे कि फ्रेंच, तुर्की और एंग्लो-अमेरिकन मॉडल, और उससे आगे, जैसा कि भारत में है, जहां कानून के समक्ष समानता और कंबल अलगाव के बजाय राज्य तटस्थता पर अधिक जोर दिया जाता है। धर्मनिरपेक्षता के समर्थन में उद्देश्य और तर्क व्यापक रूप से भिन्न होते हैं, इस दावे से लेकर कि यह आधुनिकीकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है, या यह कि धर्म और पारंपरिक मूल्य पिछड़े और विभाजनकारी हैं, इस दावे तक कि यह मुक्त धार्मिक अभ्यास का एकमात्र गारंटर है।
सेकुलर का मीनिंग क्या है?
एक उदहारण के तौर पर एक लड़की जो क्रिश्चियन है और वो यूएसए में रहती है। फिर उसका भारत में सिलेक्शन हो जाता है, भारत जातीवादी है, उसे पता चलता है की इंडिया जो है, किसी एक ही रिलिजन को प्रोमोट करता है। और वो है हिन्दू धर्म, हिंदू धर्म को ही बढ़ावा देता है, और सिर्फ बढ़ावा नहीं देता है।
आप अपने रिलिजन को यहाँ पर प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं। अगर प्रैक्टिस करना भी है तो आपको खुलेआम नहीं करना चुपके करना है। लेकिन भारत ऐसा नहीं करता है।
इंडिया मानता है कि अगर हम एक ही धरती पर रहते हैं एक ही नदियों का पानी पीते हैं, तो फिर इतने सारे धर्म है, तो सिर्फ एक ही को क्यों प्रोत्साहन दे, हम सबको आगे करेंगे। इसे कहते है, सेकुलरिज्म और आज हम इसपर बात करेंगे।
सेकुलरिज्म को हिंदी में क्या बोलते हैं?
सेकुलरिज्म का मतलब होता है, इंडिपेंडेंट ऑफ रिलिजन, यानि धर्मनिरपेक्षता। अगर साफ शब्दों में बात करे तो आप कोई भी रिलीजियन चाहे पसंद करिए, उसे प्रैक्टिस करिये, आपके ऊपर आधार करता है, आपकी चॉइस है, सरकार का कोई हक नहीं बनता के आए आपके पास और बोले कि आप इस पर्टिकुलर रिलिजन को फॉलो करो। अगर आपको नास्तिक की तरह रहना है, कोई रिलिजन फॉलो नहीं करना है तो आप बिल्कुल वैसा भी कर सकते हैं इसे सेकुलरिज्म कहते है।
कौन सा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश नहीं है?
सेक्युलरिज़्म का टर्म जॉर्ज जैकब होलिओक ने उजागर किआ है, और इसका विर्रुद्ध होता है, थिओक्रैसी, और इसका मतलब होता है, जो उनका धर्म है। उसका जो प्रीस्ट है यानि उसका जो पंडित हैं।
वहीं उस देश का राजा रहता है। रूलर रहता है। अब बात करें कि कुछ देश ऐसे होती है जो किसी एक ही रिलिजन को फॉलो करती है। जैसे कि पाकिस्तान हो, ईरान हो, सऊदी अरेबिया हो गया। इनका खुद का स्टेट रिलीजन होता है। देश का रिलिजन होता है।
क्या भारत धर्मनिरपेक्ष देश है?
लेकिन कुछ कंट्री जैसे होती है, जिसमें रिलिजन और गवर्नमेंट दोनों सेपरेट होते है। वो किसी एक रिलिजन को प्रोमोट नहीं करते। जैसे अमेरिका और भारत।
हमारा देश धर्मनिरपेक्ष क्यों कहलाता है?
आगे सेक्युलरिज़्म को अगर और अच्छे से जानें तो इसका मतलब यह है कि हमारे जो कायदा ,कानून होते है, जो पार्लियामेंट बनाता है और हम जिसे नियुक्त करते है, हमारी रिप्रेजेंटेटिव मेंबर ऑफ पार्लियामेंट द्वारा यह किया जाता है। लेकिन कुछ जगह जो कि पंडित बनाते हैं। जो होली किताब रहती हैं, उन्हें पढ़कर बनाया जाता है।
वैसा हमारी सेक्युलर देश में नहीं होता। इसका मतलब जो हमारे कायदा कानून है वह किसी धर्म के आधार पर नहीं बल्कि यह सबको साथ में सबकी ज़रूरत के हिसाब से बनाये जाते है।
इसका जो वर्ड है ये आप बोलोगे ओरिजिन कहाँ से हुआ? इंडिया जो शुरुआत से सेक्युलर रहा होगा, लेकिन हमारा जो कॉन्स्टिट्यूशन है उसमें 1976 में 40 सेकंड अमेंडमेंट हुआ।
जब दुबारा उसको ठीक किया गया तब उसमें सेक्युलर वर्ड को उसमें डाला गया। और हम इंडिया वालो के लिए जैसे सब एक ही है। तो ये कुछ चीजें इसके कैरेक्टरस्टिक्स अगर आपको बताए उसकी कैरेक्टरस्टिक्स है कि पहला तो ये है कि सारे रिलिजन बराबर है, दूसरा फ्रीडम ऑफ रिलीजन है जो चाहे वो रिलिजन प्रैक्टिस कर सकते हैं।
फ्रीडम ऑफ वर्शिप है। आप किसी भी जगह में मंदिर, गुरूद्वारे, चर्च में जा सकते हैं, मस्जिद में जाकर पूजा कर सकते हैं। और ये रैशनल थिंकिंग को बढ़ावा देता है कि आप अपने तरीके से सोच सकते हैं।
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