सावन सोमवार व्रत में क्या करें | श्रावण मास 2022

सावन सोमवार व्रत में क्या करें
सावन सोमवार व्रत में क्या करें

सावन का सोमवार कब से है 2022?

2022 में सावन का महीना जुलाई को पड़ रहा है। सावन का सोमवार की शुरुआत सोमवार 18 जुलाई को हो रही है।

सावन का व्रत कैसे रखना चाहिए?

यदि आप सावन सोमवार व्रत करते हैं, तो सबसे पहले आपको ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। और उठने के बाद मैं आपको शुद्ध जल से तीर्थ जल से स्नान करना चाहिए और इस स्नान करने के पश्चात आपको शुद्ध वस्त्र धारण करना है।

उसके बाद आपको भगवान का पूजन अर्चन करना है। सूर्य भगवान को जल देना है उसके बाद आपको हाथ में जल लेकर के तीन बार विष्णु विष्णु का उपचार करना है, हाथ में संकल्प लेना है।

हाथ में जल, चावल और बिल्वपत्र आपको रखना चाहिए। यदि आप रख सके तो सुपारी और एक सिक्का भी रख लीजिए।

यदि आपके पास कुछ और नहीं है तो आप केवल चावल रखकर और जल रखकर भी संकल्प कर सकते हैं, और उसके बाद आप अपना नाम और गौत्र का नाम लेकर कहिये के में श्रावण सोमवार का व्रत करने जा रहा हूँ, या करने जा रही हूँ, इस प्रकार संकल्प करके भगवन को अर्पण करदे और पुरे दिन व्रत करे।

सावन के सोमवार व्रत क्यों रहते हैं?

क्यूंकि माता पारवती ने भगवान् शिव को प्रसंन्न करने के लिए और उनसे विवाह करने के लिए, यह पूरा सावन महीना उन्होंने यह सावन सोमवार व्रत करके तपस्या की थी।

सोमवार के व्रत में खाना कब खाना चाहिए?

सावन सोमवार व्रत आपको दिन में भोजन नहीं करना चाहिए। यह शाम को तीन प्रहर व्यतीत होने के पश्चात ही भोजन करना चाहिए।

दोपहर के समय फलाहार कर सकते हैं। नमक वाला फलाहार आप ले सकते हैं। इस सावन सोमवार व्रत दिन दूध से बनी वस्तुएं सेवन कर सकते है, या फल से बनी कोई वस्तु आप ले सकते हैं।

लेकिन ध्यान रहे कि भोजन शुद्ध और सात्विक लेना चाहिए। इस व्रत में आप यदि व्रत करते हैं, तो निराहार भी कर सकते हैं। यानी आप केवल फलाहार लेकर भी व्रत कर सकते हैं। यह एक समय भोजन लेकर भी आप व्रत कर सकते हैं। चावल का उपयोग कर सकते हैं।

Also Read: सावन मास में क्या करें क्या ना करें? Savan Vrat 2022

सोमवार को क्या नहीं करना चाहिए?

इसके अलावा सावन सोमवार व्रत के दिन ध्यान रखना चाहिए, कि इस दिन दाड़ी कटिंग बिल्कुल नहीं करवाना चाहिए, तथा नाखून भी नहीं काटना चाहिए, और विवाहित दम्पत्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

झूठ नहीं बोलना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए, तथा इस दिन आपको पेड़ पौधों को काटना नहीं चाहिए, और इस दिन किसी भी गरीब व्यक्ति को आप को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए।

किसी भी व्यक्ति का दिल नहीं दुखाना चाहिए। और प्राणी मात्र को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए और गरीबों, ज़रूरत मंद लोगों को दान पुण्य अवश्य करना चाहिए।

सोमवार का व्रत कब खोलना चाहिए?

तीन प्रहार जब व्यतीत हो जाए, यानी शाम को 3:00 बजे के पश्चात आपको भगवान का पूजन अर्चन करना होगा और भोले बाबा का शिवलिंग का पूजन अर्चन किया जाता है। उनको जल से स्नान करवाया जाता है। दूध से स्नान करवाया जाता है। 

पंचामृत यानी दूध, दही, शहद, शक्कर घी आदि वस्तुओ से उनको स्नान करवाया जाता है। उसके पश्चात उनको जो शुद्ध जल से स्नान कराके चंदन का तिलक लगाकर के जनेऊ, मौली और बिल्वपत्र पुष्प आदि अर्पण करने के बाद सभी सामग्री अर्पण करें और भोग लगाएं।

नारियल चढ़ाएं तथा भगवान भोले बाबा की आरती उतारे और भोलेनाथ का इस तरह व्रत करें और उनके नामों का उच्चारण करें। ओम नमः शिवाय इस महामंत्र का उच्चारण सभी को करना चाहिए। महिला, पुरुष, स्त्री, पुरुष सभी इस मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं।

किसी के लिए कोई दोष नहीं है, और उसके बाद रात्रि में आपको भगवान का पूजन अर्चन करने के बाद भोग लगाकर के भोजन ग्रहण करना चाहिए।

सोमवार के व्रत में क्या खाना चाहिए?

सावन सोमवार व्रत के भोजन में आप लहसुन, प्याज का उपयोग बिल्कुल न करें, तथा इस दिन घर में मांस, मदिरा का उपयोग भी नहीं करना चाहिए, और सावन सोमवार व्रत का जो भोजन होता है, उसमें आप शुद्ध और सात्विक भोजन ले सकते हैं।

ये दाल रोटी भी उस दिन आप ले सकते हैं, और इसके अलावा खीर, पूरी, लड्डू इत्यादि वस्तुएं भी ले सकते हैं, और उसके बाद आप इस सावन सोमवार व्रत का पारण कर सकते हैं, तो इस तरह आपको श्रावण सोमवार का व्रत करना चाहिए।

सोलह सोमवार व्रत कैसे किया जाता है?

इसी तरह जो 16 सोमवार जो माताएं बहनें करती है, वो भी तीसरे पहर के बाद पूजन अर्चन करने के बाद कथा श्रवण करने के पश्चात जिन सामग्री से उन्होंने व्रत किया है। जैसे कुछ लोग मिश्री से सावन सोमवार व्रत करते हैं। 

लॉन्ग से व्रत करते है, बिल्वपत्र से व्रत करते हैं, इसके अलावा चूरमा से व्रत करते हैं, या दूध से बनी मिठाइयां कोई भी एक फल से व्रत करते है। वो उसी फल कों ग्रहण करेंगे, उसी वस्तु को ग्रहण करेंगे।

इसके अलावा कुछ और नहीं लेंगे। पूरे दिन निर्जला निराहार व्रत का पालन करेंगे। यानी सोलह सोमवार भी आप अलग-अलग तरह से कर सकते हैं। जैसा शरीर आपका साथ देता है, उसी प्रकार आप व्रत का पालन कर सकते है।

पीरियड के कितने दिन बाद पूजा कर सकते हैं?

यदि महिलाओं को किसी प्रकार की कोई समस्या आती है, मासिक धर्म आदि की तो वह उस दिन भोजन नहीं करें। व्रत कर सकती हैं, व्रत करने में कोई दोष नहीं।

लेकिन भगवान का पूजन तथा स्पर्श इस दिन वर्जित माना गया है, और जैसे आपने 16 सोमवार को बीच में सोमवार देर हो गयी, तो आप आगे सोमवार को बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार जीतने सोमवार कम हो गए हैं। उतने आप आगे बढ़ा सकते हैं।

यदि आपके घर में जन्म या मृत्यु का कोई सूतक हो जाता है, ऐसी स्थिती में भी आप सोमवार के व्रत को आगे बढ़ा सकते हैं, और इसके अलावा भी यदि आपको लगता है, कि नहीं अभी कोई समस्या है, उद्यापन नहीं कर सकते हैं, तब तक आपको लगातार व्रत करते रहना चाहिए।

उसके बाद ही आपको व्रत का उद्यापन करना चाहिए और इस दिन अनिवार्य रूप से भगवान भोले बाबा को गंगाजल, बेलपत्र, भांग, भस्म इत्यादि वस्तुएं अर्पित करना चाहिए, ऐसा यदि आप सावन सोमवार व्रत करते हैं, तो निश्चित ही आपके जीवन की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी और आपके जीवन में सुख, शांति समृद्धि का वास हो सकेगा।

जय भोलेनाथ।

Similar Posts