हिन्दू धर्म की ३ पवित्र नदिया | त्रिवेणी संगम | Holy River of India
पवित्र नदिया – त्रिवेणी संगम – Holy River of India
भारत में सभी नदियों को दिव्य दर्जा दिया जाता है। और यह सारी नदिया देवी प्रेरणा से ही उत्पन्न हुवी है। ऐसी ही ३ पवित्र नदिया जो भारत की जीवा दोरी भी है और त्रिवेणी संगम पूजनीय भी है।
1. Ganga:
गंगा: उत्तरी हिमालय में से बहने वाली सबसे पवित्र नदिया मानी जाती है। और लगभग ५०० मील की दूरी तक दक्षिण दिशा तक बहती है। और फिर बंगाल की खाड़ी में बहने वाली एक और १००० मील की दूरी तक पूर्व की ओर बहती है।
गंगा का यह जल अत्यंत शुद्ध और दिव्य है, और उसमें स्नान करना या उसे पीना हमारे सभी पापो को मुक्त करके हमे शुद्ध करती है। कहा जाता है कि गंगा, राजा भगीरथ के अनुरोध पर स्वर्ग से अवतरित हुई थी, जो शाश्त्रो में 60,000 राजकुमारों को मोक्ष देने के बारे में वर्णन मिलता है।
जो ऋषि कपिल के क्रोध के कारण उनकी अप्राकृतिक मृत्यु हुई थी। इसके बाद राजा भगीरथ ने गंगा नदी को पृथ्वी के केंद्र में निर्देशित किया, 60,000 राजकुमारों को पुनर्जीवित किया और गंगा को सागर की ओर ले गए।
2. यमुना:
यमुना भी भारत में सबसे पवित्र और बड़ी नदियों में से एक है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने शुरुआती वर्षों में इस नदी के तट पर रहते थे।
कहा जाता है की यमुना नदी में स्नान करनेसे और जलपान करने से आपको यम की पीड़ा कभी नहीं होती। क्योंकि यमराज यमुना के भाई है।
इसीलिए कहा गया है की यमुना के जल पान से हम माँ के पुत्र हो जाते है। और माँ हमारे सारे पापो को मुक्त कर देती है, और यमुना देवी यमराज की बहन होने के कारन यमराज अपनी बहन के पुत्रो को कैसे क्षति पोहचा सकते है। इसीलिए यमुना का विशेष महत्व बताया गया है।
३. सरस्वती:
माना जाता है की एक समय में सरस्वती नदी जहा से गुज़रति थी वहा खेत खल्यान सब हरे भरे रहते है। आज हम सरस्वती नदी को लुप्त नदियों मेसे एक मानते है। पर सरस्वती नदी भी प्रयाग में त्रिवेणी संगम में गंगा ,यमुना नदी के साथ मिलती है। रामायण में सरस्वती नदी को गंगा की सहायक नदी के रूप में वर्णित किया गया है।
अन्य पवित्र नदियों में गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, सिंधु, सरयू, गोमती, गंडकी, साबरमती, तमसा, शिप्रा और चंद्रभागा के नाम शामिल हैं।
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