सूर्य ग्रहण 2021 साल का पहला सूर्य ग्रहण जाने क्या करे क्या ना करे

सूर्य ग्रहण 2021: साल का पहला सूर्य ग्रहण जाने क्या करे क्या ना करे

साल का सबसे पहला सूर्य ग्रहण 2021, 10 जून को पड़ रहा है। तो आइये जानते है, ऐसे 7 काम जिससे आप मनवांछित फल की प्राप्ति कर सकते है। और हम यह भी जानेंगें कि सूर्य ग्रहण 2021 कब लगेगा, सूर्य ग्रहण का समय क्या है? भारत में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? और विदेशों में इसका…

Shani Jayanti 2021 Date कब है शनि जयंती जानें पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Shani Jayanti 2021 Date: कब है शनि जयंती? जानें पूजा मुहूर्त एवं महत्व

आज हम बात करेंगे शनि जयंती 2021 में कम मनाई जाएगी और शनि जयंती 2021 पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इसके अलावा शनि जयंती 2021 की पूजा विधि व इस दिन आपको क्या दान करना चाहिए। इसके अलावा शनि जयंती की पौराणिक कथा क्या है? साथ ही हम बात करेंगे। शनि जयंती के दिन…

वट सावित्री व्रत 2021

वट सावित्री व्रत 2021: कब है वट सावित्री व्रत? जानें तिथि, मुहूर्त, पूजन सामग्री, पूजा विधि एवं व्रत कथा

वट सावित्री पूजा कब है 2021 | वट सावित्री व्रत 2021 आज हम बात करते है, वट सावित्री व्रत 2021 किस दिन है, क्योंकि इसी दिन सूर्य ग्रहण भी है, जोकि साल का पहला सूर्यग्रहण है। ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में प्रश्न होंगे कि हमें इस दिन व्रत करना चाहिए या नहीं करना चाहिए,…

कनखल हरिद्वार में स्थित 11 मंदिर का महत्व

कनखल हरिद्वार में स्थित 11 मंदिर का महत्व

सभी देवता और ऋषि मुनि प्रजापति दक्ष के दुस्साहस से दंग रह गए, परंतु महादेव शंकर ने प्रजापति दक्ष के अपशब्दों को चुपचाप सुन लिया।  वो घटना प्रयाग में घटी थी जहाँ ऋषि मुनियों ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया था। भगवान शंकर शांत भाव से वहा से चले गए। बात यहीं खत्म हो जाती तब भी गनीमत होती।…

उत्तराखंड के चार धाम

जानिए उत्तराखंड के चार धाम के बारे में | छोटा चार धाम

उत्तराखंड के चार धाम | छोटा चार धाम उत्तराखंड के चारधाम को छोटा चार धाम कहा जाता है। यह चार धाम करने से 1 धाम की यात्रा पूर्ण होती है। बल्कि असली चार धाम तो बद्रीनाथ ,द्वारका ,जगन्नाथ पूरी और रामेश्वरम को कहा जाता है। पर उत्तराखंड के चार धाम का भी विशेष महत्व बताया…

धर्मग्रंथों के अनुसार जानिए असली चार धाम के नाम

भारत के चार धाम के नाम धर्मग्रंथों के अनुसार

भारत के चार धाम के नाम धर्मग्रंथों के अनुसार भारत के चार धाम के नाम के बारे में बहुत से लोगों को गलतफहमी है। चार धाम के नाम पर लोग बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का नाम जानते है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। भारतीय धर्मग्रंथों में भारत के चार धाम के नाम 1. बद्रीनाथ, 2. द्वारका, 3. जगन्नाथ पुरी और …

हनुमान का सिना चिरना

हनुमान का सिना चिरना | Hanuman Ka Sina Chirna

हनुमान का सिना चिरना | Hanuman Ka Sina Chirna प्रभु श्री राम भगवान का राज्य अभिषेक हुआ। भगवान राम ने स्वयं अपने हाथों से सुग्रीव, विभीषण आदि को अनेक बहुमूल्य रत्न, वस्त्र, आभूषण आदि दिए थे। लेकिन उन्होंने हनुमान को अनदेखा कर दिया। सभी सदस्य सोच रहे थे, कि भगवान हनुमान को कैसे भूल सकते…

श्री राम अयोध्या लौट गए

श्री राम अयोध्या लौट गए | हनुमान भरत संवाद

श्री राम अयोध्या लौट गए | हनुमान भरत संवाद राम विजयी हुए। अब किसी को जीत का सन्देश लेकर सीता के पास जाना है? भगवान ने हनुमान को बुलाया और कहा – “हनुमान! सीता को संदेश तुम ही जाके सुनाओ।  महाराज विभीषण की अनुमति लेकर लंका में प्रवेश करो और  सुग्रीव और लक्ष्मण के कौशल…

श्री राम काज करिबे को आतुर

श्री राम काज करिबे को आतुर

श्री राम काज करिबे को आतुर श्री राम काज करिबे को आतुर हनुमानजी लगातार राम के काम में लगे हुए थे। अब भी वह राम काज में ही लीन रहते है। लेकिन यह युद्ध का समय है। दिन भर, कभी प्रभु के समीप रहना, तो कभी उनसे दूर रहकर युद्ध करना और रात में प्रभु…

हनुमान अहिरावण युद्ध

हनुमान अहिरावण युद्ध | Hanuman Ahiravan Yudh

हनुमान अहिरावण युद्ध | Hanuman Ahiravan Yudh रात का समय था। हनुमान जी पहरा दे रहे थे। विभीषण के वेश में अहिरावण आया। हनुमान ने उन्हें बुलाया और पूछा, ‘भैया! इतनी देर रात कहाँ से आ रहे हो?” उसने कहा – भगवान की आज्ञा पर वह संध्या करने गए थे। आने में बहुत देर हो…

चले हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने

हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने गए

हनुमान जी संजीवनी बूटी राम और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ। रामायण प्रेमियों को यह ज्ञात तो होगा ही। हनुमान ने इसमें कितने राक्षसों का वध कर डाला था। समय-समय पर उन्होंने राम, लक्ष्मण, विभीषण, जामवंत – सभी को युद्ध में मदद की। मेघनाद से युद्ध करते समय लक्ष्मण को एक भयानक शक्ति का प्रहार…

मार्कण्डेय पुराण

जानिए मार्कण्डेय पुराण का संक्षिप्त वर्णन

जानिए मार्कण्डेय पुराण का संक्षिप्त वर्णन मार्कण्डेय पुराण प्राचीनतम पुराणों मेसे एक माना जाता है।  इसमें ऋग्वेद की भांति अग्नि, इंद्र, सूर्य आदि सभी देवी देवताओं पर विवेचन किया गया है। उसी के भाँति गृहस्थाश्रम में कैसे जीना चाहिए, दिनचर्या हमारी कैसी होनी चाहिए। नित्यकर्म हमारे कैसे होने चाहिए इसके ऊपर आदि अनादी काल से…

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